यह एक रोगी कनडक्टर मेमोरी (semi conductor memory) है। तकनीकी रूप से RAM का अर्थ रीठ/राइट मेमोरी होता है अर्थात् ऐसा उपकरण जिस पर लिखा और पढ़ा जा सके। जब नेमोरी क किसी भी भाग को पढ़ा जाता है. तो उस भाग में कोई परिर्वतन नहीं होता है। लेकिन यदि गमोरी के किसी भाग पर कोई सूचना भर दी जाती है. तो उस भाग में पहले से स्थित अंतर्वस्तु (contents) र ही समाप्त हो जाते हैं। RAM ऊर्जाह्मसी होते हैं। अर्थात विद्युत के अचानक न रहने पर यह अपनी शहित सूचनाओं को खो देते हैं। अतः RAM का उपयोग प्रोग्राम या डाटा को अस्थाई रूप से संग्रहण करने के लिये किया जाता है।

what-is-ram-and-how-many-parts-does-it-have
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RAM को निम्न दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है

(क) स्टेटिक RAM: इस प्रकार की RAM का उपयोग अनन्त बार किया जा सकता है। पहले के कम्प्यूटर में मैगनेटिक कोर मेमोरी का प्रयोग किया जाता था, जो कि स्टैटिक RAM थे।

(ख) डाइनेमिक RAM: इस प्रकार के RAM का उपयोग कुछ निश्चित समय के लिये ही किया जा सकता है।

यह मेमोरी कुछ माइको चिप्स पर उपलब्ध होती है जिन्हें हम मदरबोर्ड पर माइकोप्रोसेसर के पास लगा देते हैं। यह मेमोरी उपयोगकर्ता के काम आती है। अर्थात् उपयोगकर्ता इस पर डाटा रिकार्ड कर सकता है, लिख सकता है। टीप- जब कभी हम कम्प्यूटर की मेमोरी का जिक करते हैं हमारा तात्पर्य हमेशा RAM से ही होता है।

जब कभी हम विंडोज में प्रोग्राम चलाते हैं, वह सर्वप्रथम RAM में लोड हो जाता है। प्रोग्राम का डाटा जैसे कि नाम, कक्षा, आयु इत्यादि या तो डेटाबेस से आ सकते हैं या फिर इन्हें हम की-बोर्ड द्वारा टाइप कर सकते हैं। जो भी हो, यह समस्त डाटा RAM में ही संग्रहित किया जायेगा।

RAM का हम गति के आधार पर वर्गीकरण कर सकते हैं। धीमी RAM 250 ns (नैनो सेकेण्ड) की गति से कार्य करती थी जबकि सबसे तेज RAM 10 ns से चलती है। साधारणत RAM की स्पीड 50 से 70 ns के बीच है।

टीप:- RAM एक नोटबुक की तरह है। हम नोटबुक में लिख सकते हैं, रिकॉर्ड कर सकते हैं। RAM की भी यही भूमिका है।

हम RAM को कुछ डिब्बों का समूह कह सकते है, जिसमें प्रत्येक डिब्बा 1 बाइट डाटा रिकार्ड कर रहा है। इस कारण वह कम्प्यूटर जिसमें 1MB मेमोरी है, 1 मिलियन बाइट या कैरेक्टर रिकॉर्ड कर सकता है।

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