हमारे देश के प्रधानमंत्री के लक्ष्यदीप दौरे के बाद भारत और मालदीप के बीच विवाद शुरू हुआ था वह अभी तक रुकने का नाम नहीं ले रहा है सोशल मीडिया पर लगातार बहस जारी है भारतीय लोग मालदीप की जगह लक्षद्वीप पर जाने का अपील कर रहे हैं तथा वह जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं ऐसे में जानते हैं कि यह पूरा विवाद शुरू कैसे हुआ होने से पहले और बाद में कितने भारतीय मालदीप घूमने गए हैं।

Amid the India-Maldives dispute, how many Indians have reached Maldives and also know how much Indians spend in Maldives.
Amid the India-Maldives dispute, how many Indians have reached Maldives and also know how much Indians spend in Maldives.

जब से मालदीप के तीन मंत्रियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ टिप्पणी की है जब से भारत और मालदीप के बीच जिस तरह का राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। वैसा शायद ही पहले कभी बड़ा हो सोशल मीडिया पर मालदीप के खिलाफ तथा उसे बाय कॉट करने के #के साथ ट्रेंड चल रहा है।

आपको बताते की 4 जनवरी को हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी लक्षद्वीप के दौरे पर थे। उन्होंने दौरे की कुछ तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड की थी और लक्षद्वीप में घूमने तथा लक्षद्वीप में आने के लिए सोशल मीडिया पर अपील की थी। उसके बाद यानी की 6 जनवरी को मालदीप सरकार की मंत्री मरियम शिउना ने हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की तथा यह बात यह नहीं थमी और मालदीप सरकार के दो और मंत्री मंत्री मजूम मजीद और मालसा शरीफ भी आपत्तिजनक बयानों के साथ इस विवाद में कूद पड़े। यानी की यह विवाद इतना बड़ा की मालदीप सरकार ने तीनो मंत्रियों को निलंबित भी कर दिया।

मालदीप जैसे देश को एक बड़ा झटका मिल रहा है। जिसमें दोनों तरफ से सोशल मीडिया पर बवाल शुरू हो गया है। और कई लोगों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी मालदीप की विपक्ष नेताओं ने दावा किया है। कि इस विवाद के बाद भारत की एक शादी जो की मालदीप में होने वाली थी। वह भी कैंसिल हो गई है जिसमें लगभग 8 करोड रुपए का खर्च होने वाला था मालदीप जाने वाली समस्त फ्लाइट्स की बुकिंग हाल बेहाल सस्पेंड कर दी गई है।

आपको बता दे की मालदीप जैसे देश के लिए यह झटका बहुत बड़ा सिद्ध होने वाला है। क्योंकि मालदीप की तकरीबन 25 प्रतिशत अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही टिकी हुई थी। और मालदीप घूमने जाने वाले में भारतीय किसी से काम नहीं है। मालदीप के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल तकरीबन 19 लाख लोग वहां घूमने आए थे और इनमें से सबसे ज्यादा भारतीय ही थे।

अब जब इतना सारा विवाद बढ़ ही गया है। तो इसी के साथ आप यह भी जानने की मालदीप का बाय कॉट करने के बाद मालदीप जाने वाले भारतीयों की संख्या कम हुई है या बड़ी।

क्या बयां कर रहे हैं आंकड़े

इन आंकड़ों को हम दो हिस्सों में बताकर समझेंगे क्योंकि समझने में हमें आसानी होगी। पहला हिस्सा हम इसे 1 जनवरी से 6 जनवरी के बीच लेते हैं तथा उसी के साथ दूसरा हिस्सा हम 7 जनवरी से 9 जनवरी तक के आंकड़ों के साथ लेते हैं।
आपको बता दे कि प्रधानमंत्री मोदी लक्षद्वीप पर 4 जनवरी को गए थे। और 6 जनवरी को मालदीप के मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

आपको बता दे की मालदीप के पर्यटन मंत्रालय ने जारी किया आंकड़ों के मुताबिक 1 जनवरी से 6 जनवरी के बीच मालदीप पर कुल 33807 पर्यटक गए थे इनमें से 2372 पर्यटक भारत से ही है।
वहीं दूसरे हिस्से की बात करें 7 जनवरी से 9 जनवरी के बीच का तो मालदीप में कुल 17176 पर्यटक आए हैं।

इन दोनों हिस्सों को जोडे तो 1 जनवरी से 9 जनवरी तक मालदीप में 50983 पर्यटक आए हैं जिनमें से 3791 पर्यटक भारत से हैं। यानी कि अब तक जितने पर्यटक मालदीप आए हैं उनमें से 7.4 फ़ीसदी भारत के हैं।

हम पिछले साल से इस साल की तुलना करें तो भारत के पर्यटक की संख्या में कमी जरूर आई है। तो आपको बता दें कि साल 2022 में 1 जनवरी से 10 जनवरी के बीच कुल 53415 पर्यटक मालदीप पहुंचे थे इनमें से 433 मतलब की 8% भारत के थे।

मालदीप का पर्यटक भारत पर कितना निर्भर करता है।

आपको बता दे की मालदीप की दूरी भारत के दक्षिणी तट से करीबन 450 किलोमीटर है। और आपको यह भी बता दे कि भारतीयों के लिए मालदीप एक पसंदीदा जगह में से एक है। आपको बता दे की लगातार 2 सालों से मालदीप में सबसे ज्यादा भारतीय पर्यटक पहुंच रहे हैं। मतलब कि पिछले साल को देखा जाए तो मालदीप में आए गए पर्यटकों में की संख्याओं में से 10 में से एक पर्यटक भारत का ही था।

मालदीप के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कुछ सालों से मालदीप जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या लगातार घट रही है। आपको बता दे की 2021 में 2.91 लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटक मालदीप गए थे। उसके बाद 2022 में लगभग 17 प्रतिशत घटकर 2.41 लाख भारतीय पर्यटक मालदीप गए थे। इसके बाद हम देखे तो 2023 में 2.09 लाख से ज्यादा पर्यटक मालदीप गए थे।

पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मालदीप में हर दिन औसत साढ़े 5 हजार पर्यटक आते हैं जिसमें से 650 भारतीय पर्यटक होते हैं।

आपको बता दे की सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीप में पिछले साल यानी की 2023 में भारत से गए पर्यटकों ने लगभग 38 करोड डॉलर का खर्च किया था। उन्हें पैसों को भारतीय करेंसी के हिसाब से देखे तो 3000 करोड रुपए से ज्यादा होता है। इसका हिसाब लगे तो आप देखोगे की हर दिन 8 से 10 करोड रुपए भारतीय पर्यटक मालदीप में खर्च कर रहते हैं।

मालदीप पर्यटन पर कितना निर्भर है।

आपको बता दे की मालदीप 90000 वर्ग मीटर के दायरे में फैला हुआ है। किंतु इसका 300 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा का इलाका जमीन पर है। बाकी बचा हुआ इलाका समंदर है।
आपको बता दे की मालदीप में पर्यटन का इतिहास लगभग 50 साल पुराना है। वहां पर बताया जाता है कि 1970 में इटली से एक पर्यटक जॉर्ज कार्बन मालदीप में घूमने आया था उसने ही वहां घूम कर वहां की खूबसूरती के बारे में पूरी दुनिया को बताया था। वापस लौट के बाद 1963 में उसने एक किताब भी लिखी थी।

इटली से आए पर्यटक के द्वारा मालदीप की खूबसूरती को दुनिया में फैलने के बाद से ही मालदीप की टूरिज्म इंडस्ट्री तेजी से बड़ी उसी के साथ मालदीप ने खुद को टूरिज्म के हिसाब से ही डाल लिया। मालदीप सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2006 तक देश में 88 टूरिस्ट रिजल्ट थे। जिनकी संख्या 2022 के आखिरी तक बढ़कर 170 से ज्यादा हो गई। इतना ही नहीं 2006 में इन मालदीप में पर्यटनों के लिए साडे 20000 बेड 🛏️ थे। वही 2022 के आखिरी तक इनकी संख्या भी तीन गुना बड़ा कर 60000 से ज्यादा कर दी गई।

आपको बता दे की होटल रिसोर्ट और गेस्ट हाउस में पर्यटकों के लिए जितने बेड बनाए गए हैं उनमें से लगभग 60% हमेशा भरे रहते हैं।
इसी के साथ आपको यह भी बता दे कि एशियाई डेवलपमेंट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार 1980 के दशक में मालदीप की कुल जीडीपी में टूरिज्म का योगदान सिर्फ 13 प्रतिशत था। लेकिन अब के दशक में 22 से 25% हो गया है। हालांकि अप्रत्यक्ष रूप में टूरिज्म की हिस्सेदारी लगभग 80 से 90 प्रतिशत तक है।